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Essay for lifestyle in lockdown period
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Importance of school in hindi
स्कूल हर बच्चे का बचपन जहां बच्चे पढ़ते हैं खेलते हैं नई बातें सीखते हैं नई बातें सिखाते हैं बच्चों से लेकर बड़ों तक यह एक यादगार पल होता है स्कूल में कोई पढ़ता है तो कोई पढ़ाता है स्कूल में बच्चे जाकर अनुशासन और नई बातें सीखते हैं क्या आपने कभी सोचा है कि अगर स्कूल ना हो तो?
Short Speach on superstation in hindi
साल भर बच्चे पढ़ते हैं और यह सोचते हैं कि कब वेकेशन की छुट्टी मिलेगी और अगर ज्यादा छुट्टी मिल जाती है स्कूल की याद आने लगती है स्कूल में की गईं शरारतें याद आने लगती है अपने फ्रेंड के साथ किए प्रैंक याद आने लगते हैं ऐसा होता है स्कूल, भले ही छोटे-छोटे बच्चे मां बाप के कहने पर जबरदस्ती स्कूल जाते हो लेकिन समझदार बच्चे तो खुद से ही जाते हैं कोई अपनी पढ़ाई ना छूटने के लिए जाता है तो कोई स्कूल में मस्ती के लिए जाता है अपनी उदासी मिटाने जाता है तो कोई अपना मन बहलाने जाता है कोई अपने दोस्तों से मिलने जाता है तो कोई अपने सपनों को पूरा करने के लिए जाता है हर स्टूडेंट स्कूल में जाता है क्योंकि उसे पता है स्कूल उनके बचपन से जुड़ा है। स्कूल का अनुशासन उनकी जिंदगी से जुड़ा है उनकी कामयाबी स्कूल मैं छिपी है सच कहूं अगर स्कूल नहीं तो बच्चों का बचपन भी नहीं हम बड़े ही खुश किस्मत हैं कि हम स्कूल जाते हैं जरा उन बच्चों से पूछिए जो स्कूल के बाहर खुद खड़े होकर अपनी किस्मत को बुरा कहते हैं कोई अपने घर की फाइनेंसियल प्रॉब्लम की वजह से स्कूल नहीं जा पाता तो किसी के पास टाइम ही नहीं है अब टाइम का मतलब यह नहीं कि उनके पास टाइम नहीं है इसका मतलब यह है कि वह अपनी छोटी सी उम्र में अपने परिवार का बोझ उठा रहे हैं जिस उम्र में उन्हें पढ़ना चाहिए उस उम्र में वह काम कर रहे हैं।
Importance of school |
Short Speach on superstation in hindi
School |
कुछ बच्चे स्कूल जाने के लिए बेताब है तो कुछ स्कूल ना जाने के लिए बहाने बना रहे हैं जैसे वह स्कूल से दूर हो रहे हों लेकिन उन्होंने और ना हमने कभी यह नहीं सोचा था कि एक दिन स्कूल हमसे दूर हो जाएगा स्कूल हम चाह कर भी नहीं जा पाएंगे हमारे और स्कूल के बीच में प्रिकॉशंस आ जाएगी जो स्कूल जाना हमारे फ्यूचर को सवारता था आज वह स्कूल जाना हमारे फ्यूचर लिए हानिकारक हो जाएगा।
आप सबको समझ आ गया होगा कि मैं किसकी बात कर रही हूं कोविड-19 जिसने दुनिया को तबाह कर दिया जिसने कितनों की जान ले ली जिसने कितनों को बेरोजगार कर दिया जिसने कितनों की ख्वाहिशें मिटा दी जिसने कितनों के घर उजाड़ दिया मानो जैसे उसने पूरी दुनिया ही पलट दी
उसमें से एक स्कूल भी है जहां जाकर बच्चे अपने सपने पूरे करने के लिए बच्चे अपने आप को पंख लगाते हैं कोविड-19 के वजह से उन्हें पूरे 1 साल घर में रहना पड़ा जो बच्चे स्कूल ना जाने के लिए बहाने बनाते थे शुरू शुरू में वह स्कूल ना जाने के लिए बहुत खुश हुई लेकिन वक्त के साथ-साथ उनकी भी लबों पर स्कूल खोलने के लिए दुआ आ गई उन्हें भी स्कूल की इंपोर्टेंस समझ आ गई
यह होता है स्कूल और यह होती है स्कूल की इंपॉर्टेंस
By
Shamsheer Fatma
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